मैं चला, यूंही चला,
चुरा कर ए जिंदगी तुझे, मैं चला,
मुस्कुरा कर, झिलमिला कर, मैं चला,
मंजिल को पाने, किसको अपना बनाने, मैं चला,
खुशियों के गीत होठों पर लेकर,
लहरों से लड़ते झगड़ते, मैं चला ,
इन खाली रास्तों पर,
थामने किसी का हाथ,
करने दो मुलाकातें,
मैं चला, यूंही चला|
बेखबर, बे-शहर, मैं चला,
छूने उसे, कुछ कहने उसे, मैं चला,
गुब्बार से, आंधी से होकर ,
एक नज़र भर देखने उसे, मैं चला,
उसी पर फ़िदा,
उसी पर फ़ना हो चला,
मैं चला, यूंही चला|
-ड्यूक (विनीत आर्य)
चुरा कर ए जिंदगी तुझे, मैं चला,
मुस्कुरा कर, झिलमिला कर, मैं चला,
मंजिल को पाने, किसको अपना बनाने, मैं चला,
खुशियों के गीत होठों पर लेकर,
लहरों से लड़ते झगड़ते, मैं चला ,
इन खाली रास्तों पर,
थामने किसी का हाथ,
करने दो मुलाकातें,
मैं चला, यूंही चला|
बेखबर, बे-शहर, मैं चला,
छूने उसे, कुछ कहने उसे, मैं चला,
गुब्बार से, आंधी से होकर ,
एक नज़र भर देखने उसे, मैं चला,
उसी पर फ़िदा,
उसी पर फ़ना हो चला,
मैं चला, यूंही चला|
-ड्यूक (विनीत आर्य)
waah vineet babu
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