तेरी खोज थी मुझे, पर तेरे पता कहाँ।
नाम ले पुकारूँ तुम्हें या खामोश ढुंढू;
ख्यालों में हो तुम, पर हक़ीक़त में तुम हो कहाँ।
ऐतबार, उम्मीद तुमसे, तुमसे हिज्रा ये दिल है;
साँसों में हो तुम, पर अबसार में तुम हो कहाँ।
तू बता मैं कौनसी राह करूँ इख्तियार?
कागज़ के टुकड़ो पर लिख नाम तेरा, किस ओर उड़ाऊ?
किससे पूछू, किससे कहूँ, कौन जानता है तुम हो कहाँ ।
उम्र बांधती नहीं वक़्त के धागो में - रिश्ता जो बन गया है तुमसे, अब राहें कटती नहीं अकेले से;
( तेरे ) इंतज़ार का अंत ना हो मेरी साँसों से, जल्दी आजा तुम हो कहाँ।
आशिक़ी दीवानगी सराबोर यहाँ;
ज़िन्दगी मेरी, तेरे लिए, पर तुम हो कहाँ।
--विनीत आर्य
अर्थ:
ऐतबार : Trust
उम्मीद : Hope
हिज्रा : Pain of separation
अबसार : Eyes
इख्तियार : Choose, pick
आशिक़ी : Amorousness
दीवानगी : Passion
सराबोर : Drench
It's really very very nice...
ReplyDeleteBadhiya :)
ReplyDeleteAwesome yaar
ReplyDeletePahala achcha hai. Second one thoda heavy ho gaya
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