Monday, November 12, 2012

मेरे महबूब के नैनों से (Mere mehboob k naino se)

बूँद बूँद कर इश्क है गिरता,
मेरे महबूब के नैनों से|
घूंट घूंट पी, नशा है होता,
मेरे महबूब के नैनों से|

                      -ड्यूक (विनीत आर्य)

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