Sunday, July 21, 2013

मेरे मौला (Mere Maula)

एक ख़याल रखता है तेरा,
एक परेशान करता है तुझे,
दोनों में कितना फ़र्क है, मेरे मौला.
दोनों मैं ही हूँ, 
ये कैसे हो गया, मेरे मौला.

छूता हूँ आसमां को, 
छोटी सी हसरत के लिए.
रो देता है आसमां, 
बदल की आँखों से, मेरे मौला.

रात को मैं चादर ओढ़े चलता हूँ, 
कहीं मेरा चाँद मुझे पहचान ना ले. 
देख कर वो मुझे, फिर से चाहने ना लगे, मेरे मौला.

मैं छिपाऊँ खुद को तुझसे कहाँ, मेरे मौला.
मेरे सांसों में, मेरी धड़कन में तू है, 
मेरे मौला, मेरे मौला.

--विनीत आर्य 
Ek khayal rakhta hai tera, Ek pareshan karta hai tujhe, Dono mein kitna farq hai, mere maula. Dono main hi hoon, Ye kaise ho gaya, mere maula. Chhuta hoon ashma ko, chhoti si hasrat ke liye. Ro deta hai ashma, Badal ki aankho se, mere maula. Raat ko main chadar odhey chalta hoon, kaheen mera chand mujhe pehchan na le. Dekh kar wo mujhe, phir se chahane na lage, mere maula. main chhipaun khud ko tujhse kahan mere maula. Mere sanson mein, meri dhadkan me tu hai, mere maula, mere maula. --Vineet Arya

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