एक ख़याल वो है जो तन्हाई में तन्हाई दूर कर जाये,
एक ख़याल वो है जो भरी अंजुमन में तन्हा कर जाये।
मेरे ख़याल में तो एक ख़याल है ये ज़िन्दगी,
पर ज़िन्दगी को ये ख़याल आये कहाँ।
रुके-चले ये ज़िन्दगी,
कई ख्यालों का बोझ ढो कर,
ना जाने किस मोड़ पे हंसा दे,
ना जाने किस पे रुला दे, ज़िन्दगी।
एक ख़याल है ये ज़िन्दगी।
ज़िन्दगी वो नहीं जो हम जीते है,
ज़िन्दगी वो है जो हमारे ख्यालों में है बसी।
इन्ही ख्यालों को पाना, और इन्ही ख्यालों में खोना,
कहता है कोई, एक ख़याल है ये ज़िन्दगी।
कोई हो करीब तो लगता है ज़िन्दगी है कुछ,
हो जाये दूर तो एहसास होता है,
केवल एक ख़याल है ये ज़िन्दगी।
ख़याल ही उलझाये,
ख़याल ही सुलझाये, ज़िन्दगी को,
जब होता नहीं सबर ज़िन्दगी को,
ये ख़याल ही मिटाए ज़िन्दगी को।
--विनीत आर्य
Ek khayal hai ye Zindagi.
Ek khayal wo hai jo tanhai me tanhai door kar jaye,
Ek khayal wo hai jo bhari anjuman me tanha kar jaye.
Mere khayal me to ek khayal hai ye zindagi,
Par zindagi ko ye khayal aaye kahan.
Rukey-chaley ye zindagi,
Kai khayalon ka bojh dho kar,
Na jane kisi mod pe hansa de,
Na jane kisi pe rula de,
Ye zindagi.
Ek khayal hai ye Zindagi.
Zindagi wo nahi jo hum jeete hai,
Zindagi wo hai jo humare khayalon mein hai basi.
Inhi khayalon ko paana aur inhi khayalon mein goom hona
kahta hai Ek khayal hai ye Zindagi.
Koi ho kareeb to lagta hai Zindagi hai kuch,
Ho jaye door to ehsas hota hai,
kavel Ek khayal hai ye Zindagi.
Khayal hi Uljaye, Khayal hi Suljaye, Zindagi ko.
Jab hota nahi sabar zindagi ko,
ye khayal hi mitaye zindagi ko.
--Vineet Arya
Mere Khayal se ye khayal kaabhi achcha hai...
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