चाँद सा है रूप तेरा,
और मेरे दिल की धड़कन तू।
होश अब रहे, न रहे मुझे, मेरे होने का,
करीब है जब तू, मुकम्मल मैं हो ही गया।
फ़िज़ा में घुले है सारे रंग तेरे,
और मेरे दिल की रंगत तू।
ख़बर अब रहे, न रहे मुझे, मेरे होने की,
इल्तिफ़ात तेरे जब मिला, तुझ पर बिस्मिल मैं हो ही गया।
--विनीत आर्य
और मेरे दिल की धड़कन तू।
होश अब रहे, न रहे मुझे, मेरे होने का,
करीब है जब तू, मुकम्मल मैं हो ही गया।
फ़िज़ा में घुले है सारे रंग तेरे,
और मेरे दिल की रंगत तू।
ख़बर अब रहे, न रहे मुझे, मेरे होने की,
इल्तिफ़ात तेरे जब मिला, तुझ पर बिस्मिल मैं हो ही गया।
--विनीत आर्य
अर्थ:
मुकम्मल = Accomplished
इल्तिफ़ात = Attention, Compliment
बिस्मिल = Dead fade away, A lover
Awesome poem with heart touching words
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