मैं खुद को भूला बैठा हूँ, जबसे तुम्हे देखा है.
रातों को ख्वाबों में, सुबहा को शीशे में, मैं तुमको देखता हूँ.
फिर सोच में पड़ जाता हूँ, ये क्या हो रहा है?
मैं खुद को भूला बैठा हूँ, जबसे तुम्हे देखा है.
घर से चलता हूँ, तो याद तुम आते हो.
फिर ख़याल मन में आता है, तुमसे फिर मिलूँगा.
फिर सोच में पड़ जाता हूँ, मैं बात क्या करूँगा?
मैं खुद को भूला बैठा हूँ, जबसे तुम्हे देखा है.
हर तरफ नज़र तुम ही तुम आते हो,
हर जगह तेरा चेहरा बीनाई देता है,
फिर सोच में पड़ जाता हूँ, ये हाल मेरा क्या है?
मैं खुद को भूला बैठा हूँ, जबसे तुम्हे देखा है.
--विनीत आर्य
अर्थ:
बीनाई = Eyesight; Vision;
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