खामोश भी है यहाँ हम, एक दूसरे को (अपना) मान कर।
जो उड़ा है रंग तेरे चेहरे का, हमें यूं देख कर।
हम भी तो सोगवार है तुम्हें यूं देख कर।
तगाफुल करना चाहा,
मगर कर ना सके तुम्हें यूं देख कर।
आँखें टकटकी-सी बंधी है,
दफातन तुम्हें यूं देख कर।
जो उल्फतें खुद में समेटे बैठे हो तुम,
वो तुम्हारी आँखे सराबोर किये है हमें यूं देख कर।
दिल को ऐतबार है बदले नहीं हो तुम,
पर खुद को यकीन दिलाऊँ कैसे तुम्हें यूं देख कर।
देखों लम्हे की निठुराई सामने तुम हो
और जुबां गुम है तुम्हें यूं देख कर।
दिल ने कहना चाहा पर
कह ना पाया तुम्हें यूं देख कर।
तेरे ज़ज़्बात आज भी मचलते होंगे जब ख्याल मेरा आता होगा,
क्या बयां करोगे हाल-ए-दिल तुम हमें यूं देख कर।
वक़्त ने बेबस कर अलग किया था कभी आज फिर मिलाया है,
अब (हम) बीती सोचें या हाल पूछें तुम्हें यूं देख कर।
--विनीत आर्य
अर्थ :
सोगवार : Doleful, Mournful
तगाफुल : Ignore, Negligence
दफातन : All of a sudden
उल्फत : Love
सराबोर : Wet, Drench
ऐतबार : Trust
निठुराई : Ruthless, Cruelty
ज़ज़्बात: Emotion
बेबस : Helpless