तेरा रंग है कुछ उड़ा उड़ा,
ऐ मेरी मोहब्बत,
आजा, तू मेरी प्यार की छाओं में,
कुछ पल कर ले तू थोडा आराम सही।
ना सोच क्या होगा,
सोच के तेरे साथ कोई होगा।
रंग नहीं कच्चा मेरे इश्क का,
जो वक़्त की धुप में उड़ जाये,
आईना देख तुझ पर रंग चढ़ा होगा।
तेरी अदा है कुछ खफ़ा खफ़ा,
ऐ मेरी मोहब्बत,
आजा, तू थाम ले मेरे प्यार की ऊँगली,
कुछ पल चल ठंडी रेत पर सही।
ना सोच क्या होगा,
सोच के तेरे साथ कोई होगा।
लहरें नहीं ऐसी मेरे इश्क की,
जो यूंही लौट जाये,
तू देख तेरे पांवों तले रेत गीली होगी।
--विनीत आर्य